KnowledgeBase


    मरोज महोत्सव ( मकरैण )

    festival 1


    मरोज महोत्सव देहरादून के जौनसार - बावर में माघ के पूरे महिने में मानाया जाने वाला उत्सव है। यह जौनसार , जौनपुर , रवाई घाटी का एक लोकप्रिय लोक उत्सव है। इस उत्सव में प्रत्येक गांव के पंचायती आंगन या किसी नियत स्थान पर एकत्र होकर लोक वाद्यों की धुन पर पारम्परिक लोकनृत्यों जैसे हारूल, तांदी, झेंता, जंगबाजी आदि का दौर चलता है। यह त्यौहार अपनी मेहमान नवाजी के लिए विख्यात है। इस त्यौहार के लिए विशेषतौर पर लोग अपने रिश्तेदारों, दोस्तों को आमंत्रण देते हैं। दूरदराज गांवों में अपनी विवाहित बेटियों को यहां से प्रसाद भी उनके घर पहुंचाया जाता है।


    इसका धार्मिक महत्व भी माना जाता है। कहा जाता है कि प्राचीन समय में जौनसार - बावर क्षेत्र में तमसा नदी के पास एक किरमिर राक्षस का आतंक था। जिसके लिए प्रतिदिन उस क्षेत्र से एक ग्रामीण को उसके भोजन के लिए अपनी जान देनी पड़ती थी। तब वहां एक ब्राह्ममण जिसका नाम हुणाभाट था ने तपस्या करके महासू देवता को कुल्लू से हनोल लाए। महासू देवता के आदेश पर उनके सेनापति कयलू माहाराज ने किरमिर राक्षस का वध किया। राक्षस के वध की खबर से पूरे क्षेत्र में महीने भर तक वहां के लोगों ने जश्न मानाया। तभी से यह पर्व मनाया जाता है।






    हमसे वाट्सएप के माध्यम से जुड़े, लिंक पे क्लिक करें: वाट्सएप उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि

    हमारे YouTube Channel को Subscribe करें: Youtube Channel उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि

    Leave A Comment ?