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    राम रतन काला


    festival 1


    कलाकार के रूप में रतन जी का सफर 80 के दशक से हुआ। वे आकाशवाणी दूरदर्शन और पहाड़ी फिल्मों, म्यूजिक एल्बम के जाने माने कलाकार के रूप में उभरे। हास्य अदाकारी के साथ-साथ गंभीर भूमिकाओं को निभाकर राम रतन जी ने दर्शकों के दिल में जगह बनाई। आकाशवाणी नजीबाबाद से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम 'ग्राम जगत' में "रारादा" की भूमिका में विख्यात हुये। आकाशवाणी से प्रसारित उनका हास्यगीत 'ब्योली खुजे द्यावा मिं तैं ब्योला बणे द्यावा...' काफी लोकप्रिय हुआ। लगभग 15 साल तक आकाशवाणी से ग्राम जगत कार्यक्रम के जरिये वो सबसे जुड़े रहे। वे आकाशवाणी के लोकसंगीत के 'बी हाई ग्रेड' कलाकार रहे। दूरदर्शन देहरादून के कार्यक्रम कल्याणी में वे 'मुल्कीदा' की भूमिका में दर्शकों का मंनोरंजन करते रहे। वे लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी के गीत 'अब खा माछा', 'कन लड़िक बिगड़ी म्यारू, ब्वारि कैरि की ...' जैसे गीतों में अभिनय करते नजर आये। 19 मई 2021, बुद्धवार को कोटद्वरा में हृदयगति रूकने से उनका निधन हो गया।


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