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    यशोधर मठपाल

    Yashodharmathpal

    डॉ. यशोधर मठपाल

     जन्म:  जून, 6 1939
     जन्म स्थान: ग्राम - नौला, अल्मोड़ा
     शिक्षा : ललित कला में पांच वर्षीय डिप्लोमा (लखनऊ 1962)
     एम. ए. कला (आगरा 1972)
     पीएच.डी. पुरातत्व (पूना 1978)
     गांधीवादी अध्ययन में डिप्लोमा (लखनऊ 1965)
     रुचि क्षेत्र : प्रागैतिहासिक पुरातत्व, रॉक आर्ट, लोक कला, काष्ठ शिल्प, संग्रहालय विज्ञान, भारतीय संस्कृति, दर्शन
     पुरस्कार:  पद्मश्री

    ‌आगरा विश्वविद्यालय से पीएच.डी. (पुरातत्व विज्ञान) (1971), विद्या वाचस्पति, पुणे विद्यापीठ (1978), डिप्लोमा इन गांधीयन स्टडीज, लखनऊ (1969)। पूर्ण विद्यापीठ (दक्कन कॉलेज) में 1978 से 1980 तक शोध सहायक। लगभग 200 राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जर्नलों में शोध प्रपत्र प्रकाशित। दस अंतर्राष्ट्रीय सेमीनारों तथा कई भारतीय संगोष्ठियों में भागीदारी। एक दर्जन संस्थाओं की सदस्यता। कई हजार चित्रों की सृष्टि। भीमताल (नैनीताल) में लोक संस्कृति संग्रहालय की स्थापना। यू.के., फ्रांस, इटली, आस्ट्रेलिया, बम्बई, दिल्ली, अहमदाबाद, पुणे आदि स्थानों पर चित्र प्रदर्शनियां। मध्यप्रदेश, केरल, उत्तराखण्ड में पुरातत्व पर शोध कार्य।


    ‌लेखनी के धनी, चित्रकार, पुरातत्वविद्, डॉ. मठपाल उत्तराखण्ड की अकेली प्रतिभा हैं जो सच्चे अर्थों में उत्तराखण्ड की संस्कृति, साहित्य और पुरातत्व को समर्पित हैं। अंग्रेजी और हिन्दी में आप अब तक गुफाकला, काष्ठ कला और चित्रकला पर कई श्रेष्ठ पुस्तकों का सृजन कर चुके हैं, यथा- प्रीहिस्टोरिक रॉक पेन्टिंग्स आफ भीमबेटका, सेन्ट्रल इण्डिया 1984, रॉक आर्ट इन कुमाऊँ हिमालय, डियर इन रॉक आर्ट आफ इण्डिया एण्ड यूरोप, उत्तराखण्ड का काष्ठ शिल्प, कुमाऊँ की सूर्य एवं कार्तिकेय प्रतिमाएं, प्रागैतिहासिक मानव के क्रियाकलाप, समवेत, समाहित, गीताछाया। प्रकाशनाधीन पुस्तके: दि कुमाऊँ पेन्टिंग्स, कुमाऊँ की चित्रकला, रॉक आर्ट आफ केरल। अप्रकाशितः दि कुमाऊँ वुड वर्क, दि गढ़वाल वुड वर्क गुफा कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए आपको 1959 में ललित कला स्वर्ण पदक, 1964 में 'कलाश्री' सम्मान, उज्जैन में अखिल भारतीय कालिदास पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इण्टरनेशनल फेडरेशन आफ रॉक आर्ट आर्गेनाइजेशन (IFRAO) द्वारा 1995 में पिनरेलो (इटली) में गुफाकला में आनरेरी डिप्लोमा देकर सम्मानित किया गया।


    ‌विशुद्ध गांधीवादी, सम्पूर्ण उत्तराखण्डी डॉ. मठपाल जी व्यक्ति नहीं एक संस्था हैं जिन पर हम सबको गर्व है।


    मठपाल जी द्वारा लिखी पुस्तकें


    ‌• भीमबेटका की प्रागैतिहासिक रॉक पेंटिंग, सेंट्रल इंडिया 1984
    • भोंरावली पहाड़ी की रॉक कला 1998
    • कुमाऊं हिमालय में रॉक आर्ट 1995
    • केरल में रॉक आर्ट 1998
    • कुमाऊँ पेंटिंग 19998
    • उत्तराखंड का काष्ठ शिल्प 1997 (हिंदी)
    • प्रागैतिहासिक मानव के कार्य कलाप 1987 (हिंदी)
    • कुमाऊँ की सूर्य एवं कार्तिकेय प्रतिमाएं 1994 (हिंदी)
    • समवेता, अल्मोड़ा बुक डिपो 1996 (हिंदी)
    • समाहिता, अल्मोड़ा बुक डिपो 1996 (हिंदी)
    • चित्रित पाषाण, गीताधाम प्रकाशन भीमताल, 2002 (हिंदी)
    • सूत्र मणि गाना इव, गीताधाम प्रकाशन भीमताल, 2002 (हिंदी)
    • दुर्गा छाया, गीताधाम प्रकाशन भीमताल, 2001 (हिंदी)
    • गीता छाया, गीताधाम प्रकाशन भीमताल, 1998 (हिंदी)
    • एकांत के बोल, गीताधाम प्रकाशन भीमताल, 2002 (हिंदी)


    सम्प्रति


    ‌लोक संस्कृति संग्रहालय, पोस्ट भीमताल-263 136 नैनीताल)


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