जां बात बात में हात मारनी, वै हैतीं कूनी ग्राम सभा। जां हर बात में लात मारनी, वै हैतीं कूनी विधान सभा। जां एक कूँ सब सुणनी, वै हैतीं कूनी शोक सभा। जां सब कूनी और क्वे नि सुणन, वै हैतीं कूनी लोक सभा।
Sherda Bhal Cha | शेरदा भा्ल छा | Sher Da Anpad Kavi...
Dvi Dinak Dyar | द्वि दिनाक् ड्यार | Sher Da Anpad K...
म्यौर मुलुक कदुक प्यारा, डान काना बै ज्यूनि हँसै छौ,...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
देवी भगवती मैया कोटगाड़ी की देवी मैया देवी भगवती मैय...
सुन ले दगडिया बात सूड़ी जा बात सूड़ी जा तू मेरी, हिरदी...
जल कैसे भरूं जमुना गहरी ठाड़ी भरूं राजा राम जी देखे। ...
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी। हाँ हाँ हाँ ऐसो अनाड़ी चुनर...
शिव के मन माहि बसे काशी आधी काशी में बामन बनिया, आधी...
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन होली खेले गिरजापति नन्द...
गोरी गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़, खोल दे माता खोल ...
हरि धरे मुकुट खेले होली, सिर धरे मुकुट खेले होली-2, ...
कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी गणपति ब...
हे रामधनी आंख्यु म छे तेरी माया रामधनी हिया म छे लाज...
तेरी सैंदाण समाळी सिराणा धरीं चा आँखा बूजी छौं सौंदि...
He merii aankhyun kaa ratan | हे मेरी आंख्युं का रतन...
प्यारे समुद्र मैदान जिन्हें नित रहे उन्हें वही प्यार...
दुनिया की हवा देखा या रूखी किलै छ दया धर्म की डाली स...
देवदार अब उतने कहाँ मिलते है सहसा कभी आता था पहाड़ , ...
तुम सिद्धि करो महाराज होली के दिन में। गणपति गौरी गण...
किस प्रकाश का हास तुम्हारे मुख पर छाया तरुण तपस्वी त...
वहाँ हिमालय में, बर्फों पर निशान तो नहीं थे, पैरों ...
सिलगड़ी का पाला चाला ओ बांजा झुप्रयाली बांजा। कंलू फू...